शीटल देवी की प्रेरक कहानी: बिना हाथों के तीरंदाज की जीत की गूंज पेरिस में
शीटल देवी: जुनून और जज़्बे की मिसाल
पेरिस 2024 पैरालिंपिक्स में सिर्फ 17 साल की उम्र में शीटल देवी ने दर्शकों का दिल जीत लिया। जन्म से ही बिना हाथों वाली शीटल ने एक अनोखी तकनीक विकसित की है जो उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाती है। शीटल अपने दाहिने पैर से धनुष उठाती हैं, कंधे से तीर खींचती हैं, और जबड़े की ताकत से तीर छोड़ती हैं। उनके इस जज़्बे और आत्मविश्वास को देख कर हर कोई हैरान रह जाता है।
पेरिस पैरालिंपिक्स 2024: धमाकेदार शुरुआत
पेरिस में पैरालिंपिक्स के दौरान, शीटल देवी ने अपनी पहली ही कोशिश में दर्शकों के सामने बुल्सआई हिट किया और पूरे स्टेडियम में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। उनका आत्मविश्वास और तीरंदाजी की कला ने खेल को कविता के समान बना दिया।
शीटल और सरिता का सफर: उम्मीदें और नतीजे
भारत की ओर से शीटल देवी और सरिता कुमारी ने महिला व्यक्तिगत तीरंदाजी स्पर्धा में भाग लिया। हालांकि, शीटल को अंतिम 16 के राउंड में चिली की मरियाना ज़ुनीगा ने हरा दिया। सरिता कुमारी, जो हरियाणा के फरीदाबाद से हैं, ने भी क्वार्टर फाइनल में तुर्की की ओज्नुर गिर्दी क्योर से हार का सामना किया। तुर्की की ओज्नुर, जो टोक्यो पैरालिंपिक्स की सिल्वर मेडलिस्ट हैं, ने शीटल को विश्व रिकॉर्ड की दौड़ में भी पीछे छोड़ दिया।
शीटल देवी की प्रेरक यात्रा: कैसे बदल गई तकदीर
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ से ताल्लुक रखने वाली शीटल देवी का जन्म फोकोमेलिया नामक एक दुर्लभ विकार के साथ हुआ, जिसके कारण उनके हाथ नहीं थे। लेकिन किस्मत ने 2019 में करवट बदली जब भारतीय सेना ने उनके टैलेंट को पहचाना और उन्हें शिक्षा और चिकित्सा सहायता प्रदान की। इस सहयोग ने शीटल के सपनों को नई ऊंचाई दी।
एशियन पैरा गेम्स और विश्व तीरंदाजी में सफलता
पेरिस पैरालिंपिक्स से पहले, शीटल को भारत की ओर से गोल्ड मेडल की सबसे बड़ी उम्मीद माना जा रहा था। 2022 के एशियन पैरा गेम्स में, शीटल ने व्यक्तिगत और मिक्स्ड टीम इवेंट्स में गोल्ड मेडल जीते थे, और महिला टीम इवेंट में सिल्वर मेडल भी हासिल किया था। वहीं, विश्व तीरंदाजी पैरा चैंपियनशिप में उन्होंने व्यक्तिगत सिल्वर मेडल जीता था।
सरिता कुमारी की यात्रा: हरियाणा से पेरिस तक
फरीदाबाद की सरिता कुमारी ने भी भारतीय पैरालिंपिक्स टीम के लिए मजबूत दावेदारी पेश की थी। पिछले साल एशियन पैरा गेम्स में महिला टीम इवेंट में सिल्वर और मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर उन्होंने अपनी छाप छोड़ी। इसके अलावा, विश्व तीरंदाजी पैरा चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर उन्होंने अपनी जगह पक्की की थी।
नज़रें अगली जीत पर
भारत की शीटल देवी और सरिता कुमारी भले ही इस बार व्यक्तिगत इवेंट्स से बाहर हो गई हों, लेकिन उनके हौसले और उपलब्धियों ने देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। भारत अब पेरिस 2024 पैरालिंपिक्स में अपना छठा मेडल पाने की उम्मीद कर रहा है। शीटल और सरिता का सफर हम सभी के लिए प्रेरणा है, कि सपनों की उड़ान के लिए कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती।